श्री सरस्वती चालीसा ॥ दोहा ॥ जनक जननि पद कमल रज,निज मस्तक पर धारि। बन्दौं मातु …
Read moreश्री संतोषी माता चालीसा ॥ दोहा ॥ श्री गणपति पद नाय सिर,धरि हिय शारदा ध्यान। सन्…
Read moreश्री काली चालीसा ॥ दोहा ॥ जय काली जगदम्ब जय,हरनि ओघ अघ पुंज। वास करहु निज दास क…
Read moreश्री दुर्गा चालीसा ॥ चौपाई ॥ नमो नमो दुर्गे सुख करनी।नमो नमो अम्बे दुःख हरनी॥ न…
Read moreश्री गंगा चालीसा ॥ दोहा ॥ जय जय जय जग पावनी,जयति देवसरि गंग। जय शिव जटा निवासिन…
Read moreश्री लक्ष्मी चालीसा ॥ दोहा ॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा,करो हृदय में वास। मनोकामना स…
Read moreश्री गायत्री चालीसा ॥ दोहा ॥ ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा,जीवन ज्योति प्रचण्ड। …
Read moreश्री विश्वकर्मा चालीसा ॥ दोहा ॥ विनय करौं कर जोड़कर,मन वचन कर्म संभारि। मोर मनो…
Read moreश्री भैरव चालीसा ॥ दोहा ॥ श्री भैरव सङ्कट हरन,मंगल करन कृपालु। करहु दया जि दास …
Read moreश्री ब्रह्मा चालीसा ॥ दोहा ॥ जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू,चतुरानन सुखमूल। करहु कृपा न…
Read moreश्री विष्णु चालीसा ॥ दोहा ॥ विष्णु सुनिए विनय,सेवक की चितलाय। कीरत कुछ वर्णन कर…
Read moreश्री सूर्य देव चालीसा ॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर,मुक्ता माला अङ्ग। पद्मासन स्थ…
Read moreश्री गोपाल चालीसा ॥ दोहा ॥ श्री राधापद कमल रज,सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सर…
Read moreश्री राम चालीसा ॥ चौपाई ॥ श्री रघुबीर भक्त हितकारी।सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥ न…
Read moreश्री कृष्ण चालीसा ॥ दोहा ॥ बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम। अरुण अधर जनु बि…
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